GST Kya hai - What is GST in Hindi -
पहले हम
बता दे की भारत में नई नियम लागु करने जा रही है,जो की 1 July 2017 से लागू
होना है, Thursday को कई वस्तुओं और सेवाओं के लिए Taxes दरें तय कर दी
गईं.
GST जानने से पहले हम आपको GST का फुलफॉर्म जान ले, जिसका फुलफ्रॉम है, ( Goods and Services Tax | गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स ) अब आपने जान लिया की GST का (Full form)फुलफॉर्म क्या है, और ये भी बता दे की आज़ादी के बाद से यह सबसे बड़ा कदम होगा.
हम आपको बता दे की, Goods and Services Tax का मतलब है, वस्तु एवं सेवा कर (भारत) 1947 के बाद सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म सुधार किया गया है, सन 2006-07 के आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था,
6 May 2015 को Lok Sabha ने GST पास हो गया था, लेकिन जहां इसे 37 के मुकाबले 352 मतों से पारित कर दिया, GST को एक अप्रैल 2016 से लागू करने का प्रस्ताव है, Rajya Sabha में Government के लिए GST जीएसटी पास कराना आसान नहीं था, क्योंकि Government के पास उच्च सदन (Upper House) में पर्याप्त संख्या (Number) नहीं थी.
GST से सबसे बड़ा फायदा यह होगा, कि पूरे भारत में एक ही सामान टैक्स चुकाना होगा, इससे देशभर में सामान की कीमत एक ही रहेगी.
GST
लागू होने से सबसे बड़ा फायदा आम जनता को होगा, पूरे भारत में किसी भी
सामान को खरीदने के लिए एक ही टैक्स चुकाना होगा, यानी पूरे देश में किसी
भी सामान की कीमत एक ही रहेगी, जैसे आप दिल्ली से बाइक खरीदते हैं, तो उसकी
कीमत अलग होती है, वहीं किसी और राज्य में उसी बाइक को खरीदने के लिए अलग
कीमत चुकानी पड़ती है, इसके लागू होने से कोई भी सामान किसी भी राज्य में
एक ही रेट पर मिलेगा.
नौ साल बाद भी GST को आसान करने के संविधान संशोधन का काम पूरा नहीं हुआ है, ये तो बस शुरुआत है, केन्द्रीय GST, राज्य GST और अंतरराजकीय GST का खाका या ड्राफ्ट बनाना एक बेहद जटिल काम है, जो अभी पूरा होना बाकी है, शेयरबाजार की सलाह के बिना इसका खाका तैयार करने से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है.
GST, की दर क्या होगी इसे लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, राज्य सरकारें जहां इसकी दर 26 फीसदी करना चाहती हैं, वहीं केन्द्र 16 से18 फीसदी दर के पक्ष में है,अगर 16 फीसदी की दर से भी कर वसूला जाता है, तो ग्राहक के लिए एक भारी बोझ हो सकता है, नतीजतन फुटकर स्तर पर बड़े पैमाने पर कर चोरी हो सकती है.
GST लागू होने से केंद्र को फायदा होगा ही, लेकिन राज्यों को इस बात का डर है, कि इससे उन्हें नुकसान होगा क्योंकि इसके बाद वे कई तरह के टैक्स नहीं वसूले पाएंगे जिससे उनकी कमाई कम हो जाएगी, गौरतलब है, कि पेट्रोल व डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने राज्यों को राहत देते हुए मंजूरी दे दी है, कि वे इन वस्तुओं पर शुरुआती सालों में टैक्स लेते रहें. राज्यों का जो भी नुकसान होगा, केंद्र उसकी भरपाई पांच साल तक करेगा.
GST Bill, लागू
होने के बाद किसी भी सामान को खरीदने के लिए केवल एक टैक्स देना होगा,
पूरे भारत में केवल एक ही कीमत रहेगी, मान लीजिये अभी जैसे आप आगरा से बाइक खरीदते हैं, तो उसकी कीमत अलग होती है, वहीं जब आप उसी बाइक को किसी दूसरे राज्य जैसे दिल्ली में खरीदते हैं, तो आपको अलग कीमत चुकानी पड़ती है.
संविधान के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकार अपने हिसाब और सेवाओं पर टैक्स लगा सकती हैं, अगर कोई कारखाना राज्य में अपने प्रोडक्ट बनाकर दूसरे राज्यों में बेचता है, तो उसे दोनों राज्यों को कई तरह के टैक्स चुकाने होते है.
National Council of Applied Research ( नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड रिसर्च ) के मुताबिक GST लागू होने से देश की GDP में एक से पौने दो फीसदी तक का हो सकता है.
GST जानने से पहले हम आपको GST का फुलफॉर्म जान ले, जिसका फुलफ्रॉम है, ( Goods and Services Tax | गुड्स एंड सर्विसेज़ टैक्स ) अब आपने जान लिया की GST का (Full form)फुलफॉर्म क्या है, और ये भी बता दे की आज़ादी के बाद से यह सबसे बड़ा कदम होगा.
हम आपको बता दे की, Goods and Services Tax का मतलब है, वस्तु एवं सेवा कर (भारत) 1947 के बाद सबसे बड़ा टैक्स रिफॉर्म सुधार किया गया है, सन 2006-07 के आम बजट में पहली बार इसका जिक्र किया गया था,
6 May 2015 को Lok Sabha ने GST पास हो गया था, लेकिन जहां इसे 37 के मुकाबले 352 मतों से पारित कर दिया, GST को एक अप्रैल 2016 से लागू करने का प्रस्ताव है, Rajya Sabha में Government के लिए GST जीएसटी पास कराना आसान नहीं था, क्योंकि Government के पास उच्च सदन (Upper House) में पर्याप्त संख्या (Number) नहीं थी.
एक जैसे टैक्स होंगे, भारत में
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GST क्या होंगे इसके फायदे
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नौ साल बाद भी GST को आसान करने के संविधान संशोधन का काम पूरा नहीं हुआ है, ये तो बस शुरुआत है, केन्द्रीय GST, राज्य GST और अंतरराजकीय GST का खाका या ड्राफ्ट बनाना एक बेहद जटिल काम है, जो अभी पूरा होना बाकी है, शेयरबाजार की सलाह के बिना इसका खाका तैयार करने से भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है.
GST, की दर क्या होगी इसे लेकर अभी तक कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है, राज्य सरकारें जहां इसकी दर 26 फीसदी करना चाहती हैं, वहीं केन्द्र 16 से18 फीसदी दर के पक्ष में है,अगर 16 फीसदी की दर से भी कर वसूला जाता है, तो ग्राहक के लिए एक भारी बोझ हो सकता है, नतीजतन फुटकर स्तर पर बड़े पैमाने पर कर चोरी हो सकती है.
GST से होगा नुकसान
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GST लागू होने से केंद्र को फायदा होगा ही, लेकिन राज्यों को इस बात का डर है, कि इससे उन्हें नुकसान होगा क्योंकि इसके बाद वे कई तरह के टैक्स नहीं वसूले पाएंगे जिससे उनकी कमाई कम हो जाएगी, गौरतलब है, कि पेट्रोल व डीजल से तो कई राज्यों का आधा बजट चलता है, इस बात को ध्यान में रखते हुए केंद्र ने राज्यों को राहत देते हुए मंजूरी दे दी है, कि वे इन वस्तुओं पर शुरुआती सालों में टैक्स लेते रहें. राज्यों का जो भी नुकसान होगा, केंद्र उसकी भरपाई पांच साल तक करेगा.
जिन पर नहीं लगेगा टैक्स
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- ताज़ा दूध - Fresh milk
- अनाज - Grain
- ताज़ा फल - Fresh fruit
- नमक - Salt
- चावल - Rice,
- पापड़ - Papad,
- रोटी - bread
- जानवरों का चारा - animal feed
- कंडोम - condoms
- गर्भनिरोधक दवाएं - Contraception medicines
- किताबें - books
- जलावन की लकड़ी - Fire wood
- चूड़ियां - Bangles
इन पर लगेगा 5 फ़ीसदी टैक्स
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- चाय - Tea
- कॉफ़ी - Coffee
- तेल - oil
- अनाज - Grain
- सोयाबीन - Soybean
- सूरजमुखी के बीज - Sunflower seeds
- पनीर - cottage cheese
- कोयला ( 400 रुपये प्रति टन लेवी के साथ ) - Coal
- केरोसीन - Kerosene
- घरेलू उपभोग के लिए - LPG
- ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्ट - Oral rehydration salt
- ज्योमेट्री बॉक्स - Geometry box
- कृत्रिम किडनी - Artificial kidney
- हैंड पंप - hand pump
- लोहा - iron
- स्टील - Steel
- लोहे की मिश्रधातुएं - Iron alloys
- तांबे के बर्तन - Copper utensils
- झाड़ू - broom
- ड्राई फ्रूट्स - Dry Fruits
- घी - Ghee
- मक्खन - Butter
- नमकीन - salty
- मांस-मछली - Meat-fish
- दूध से बने ड्रिंक्स - Drinks made from milk
- फ़्रोज़ेन मीट - Frozen meats
- बायो गैस - Bio gas
- मोमबत्ती - Candle
- एनेस्थेटिक्स - Anesthetics
- अगरबत्ती - Incense stick
- दंत मंजन पाउडर - Dental manna powders
- चश्मे के लेंस - Glasses lenses
- बच्चों की ड्रॉइंग बुक - Children's Drawing Book
- कैलेंडर्स - Calendars
- एलपीजी स्टोव - LPG stove
- नट, बोल्ट, पेंच - Nuts, bolts, screws
- ट्रैक्टर - Tractor
- साइकल - Bicycle
- एलईडी लाइट - LED light
- खेल का सामान - Sporting goods
- आर्ट वर्क - Art work
इन पर लगेगा 18 फ़ीसदी टैक्स
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- रिफाइंड शुगर - Refined sugar
- कंडेंस्ड मिल्क - Condensed milk
- प्रिजर्व्ड सब्ज़ियां - Preserved vegetables
- बालों का तेल - hair oil
- साबुन - soap
- हेलमेट - Helmet
- नोटबुक - Notebook
- जैम, जेली - Jam, jelly
- सॉस -Sauce
- सूप - Soup
- आइसक्रीम - Ice Cream
- इंस्टैंट फूड मिक्सेस - Instant food mixes
- मिनरल वॉटर - Mineral water
- पेट्रोलियम जेली - Petroleum jelly
- पेट्रोलियम कोक -Petroleum coke
- टॉयलेट पेपर - Toilet paper
इन पर भी लगेगा 28 फ़ीसदी टैक्स
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- मोटर कार - Motor car
- मोटर साइकल - Motor cycle
- चॉकलेट - Chocolate
- कोकोआ बटर - Cocoa butter,
- फैट्स - Fat
- ऑयल - Oil
- पान मसाला - Pan masala
- फ़्रिज़ - Fridge
- परफ़्यूम, डियोड्रेंट - Perfume, Deodent
- मेकअप का सामान - Makeup accessories
- वॉल पुट्टी - Wall shirt
- दीवार के पेंट - Wall paint
- टूथपेस्ट - Toothpaste
- शेविंग क्रीम - shaving cream
- आफ़्टर शेव - After shave
- लिक्विड सोप - Liquid soap
- प्लास्टिक प्रोडक्ट - Plastic product
- रबर टायर - Rubber tire
- चमड़े के बैग - Leather bag
- मार्बल, ग्रेनाइट,प्लास्टर, माइका - Marble, granite, plaster, mica
- टेम्पर्ड ग्लास - tempered glass
- रेज़र - razor
- डिश वॉशिंग मशीन - Dish washing machine
- मैनिक्योर, पैडिक्योर सेट - Manicure, pedicure set
- पियानो - piano
- रिवॉल्वर - Revolver
आइये जानते है, GST बिल क्या है,- GST Bill Kya hai
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संविधान के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकार अपने हिसाब और सेवाओं पर टैक्स लगा सकती हैं, अगर कोई कारखाना राज्य में अपने प्रोडक्ट बनाकर दूसरे राज्यों में बेचता है, तो उसे दोनों राज्यों को कई तरह के टैक्स चुकाने होते है.
National Council of Applied Research ( नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड रिसर्च ) के मुताबिक GST लागू होने से देश की GDP में एक से पौने दो फीसदी तक का हो सकता है.